शनिवार, 29 मार्च 2025

ई-पत्र; ई-मेल लेखन (E-MAIL WRITING)

    

प्यारे बच्चो!

    समय गुज़रा, जमाने बदले, काम करने की शैलियाँ बदल गयीं, बातों का अंदाज़ बदला; पर जो नहीं बदला, वो थे हमारे भीतर के जज़्बात! इस बदलते दौर में संचार माध्यम को जिसने लोगों के लिए सरल बनाने की शुरुआत की वह ई-मेल था। यह पत्रों का ही इलेक्ट्रोनिक रूप था, पर इसके बाद पत्रों और कई हद तक ई-पत्रों यानि ई-मेल की जगह भले ही मोबाइल फोन के लिखित संदेशों ने और वाट्सएप ने क्यों न ले ली हो पर उनके अंदर की भावनाओं को कभी पूर्ण रूप से बादल नहीं सके। हाँ! लोगों का इंतज़ार कम हो गया, जिसकारण पत्रों जैसी उत्सुकता न रही, पर संदेश कैसा भी हो किसी भी माध्यम का हो पर वह सर्वथा रूप से भावना शून्य तो नहीं हुए।

आज हम पत्रों के इसी इलेक्ट्रोनिक रूप यानि ई-मेल (ई-पत्रों) की बात करेंगे।

    कम्प्यूटर के थोड़े बहुत प्ररूपों को हटा दें तो यह ई-मेल हूबहू पत्र जैसा ही होता है। इसलिए परीक्षा में इसकी अंक योजना भी पत्र जैसी ही होती है जो इसप्रकार है

  • प्रारूप -        1 अंक
  • विषयवस्तु – 3 अंक
  • भाषा –         1 अंक

    यह ई-मेल हम या तो मोबाइल के ज़रिए भेज पाते हैं या लैपटॉप के ज़रिए... दोनों जगहों पर प्रारूप में मामूली सा अंतर है जो हम कुछ चित्रों के माध्यम से समझेंगे।

मोबाइल के ज़रिए जब हम ई-मेल भेजते हैं तब प्रारूप कुछ ऐसा बनाना चाहिए-

 ü ई-मेल लेखन का अभ्यास बॉक्स बनाकर करना है

प्रारंभिक औपचारिकताएँ

ü पहला बॉक्स (पाँच कॉलम वाला) ई-मेल पता/ पते व विषय

  • पहला कॉलम- प्रेषक का ईमेल पता abc@gmail.com (अनिवार्य)
  • दूसरा कॉलम- प्राप्तकर्ता का ईमेल पता xyz@gmail.com (अनिवार्य)
  • तीसरा कॉलम- प्रतिलिपि (सी सी) pqrs@gmail.com (वैकल्पिक)
  • चौथा कॉलम- गुप्त/ गोपनीय प्रतिलिपि (बीसीसी) uvw@gmail.com (वैकल्पिक)
  • पाँचवा कॉलम- विषय... (अनिवार्य)

चित्र क्र. 1 मोबाइल प्रारूप 1_ध्यान दें इस चित्र में दिए गए दिनांक और समय दूसरे बॉक्स में लिखने हैं यहाँ मात्र संकेत के लिए दिए हैं भ्रमित न हों।

    यदि cc/bcc नहीं भेज रहे हैं तो बॉक्स तीन कॉलम वाला ही बनाएँ और cc/bcc प्रापक वाले कॉलम में ही राइट साइड में लिखें

चित्र क्र. 2 मोबाइल प्रारूप 2_ध्यान दें इस चित्र में दिए गए दिनांक और समय दूसरे बॉक्स में लिखने हैं यहाँ मात्र संकेत के लिए दिए हैं भ्रमित न हों।

ü दूसरा बॉक्स -विषय वस्तु (दिनांक व समय सहित )

  •  दिनांक
  •  समय
  •  पद का उल्लेख करके औपचारिक पत्र के समान आरंभ किया जा सकता है

----xxx----

लैपटॉप के ज़रिए जब हम ई-मेल भेजते हैं तब प्रारूप कुछ ऐसा बनाना चाहिए-

ü ई-मेल लेखन का अभ्यास बॉक्स बनाकर करना है

प्रारंभिक औपचारिकताएँ

ü पहला बॉक्स (तीन कॉलम वाला) ई-मेल पता/ पते व विषय

  • पहला कॉलम- प्राप्तकर्ता का ईमेल पता xyz@gmail.com (अनिवार्य)
  • दूसरा कॉलम- प्रतिलिपि (सी सी) pqrs@gmail.com (वैकल्पिक)
  • तीसरा कॉलम- गुप्त/ गोपनीय प्रतिलिपि (बीसीसी) uvw@gmail.com (वैकल्पिक)
  • चौथा कॉलम- विषय... (अनिवार्य)

चित्र क्र. 3 लैपटॉप प्रारूप 1_ध्यान दें इस चित्र में दिए गए दिनांक और समय दूसरे बॉक्स में लिखने हैं यहाँ मात्र संकेत के लिए दिए हैं भ्रमित न हों।

        यदि cc/bcc नहीं भेज रहे हैं तो बॉक्स दो कॉलम वाला ही बनाएँ और cc/bcc प्रापक वाले कॉलम में ही राइट साइड में लिखें

चित्र क्र. 4 लैपटॉप प्रारूप 2_ध्यान दें इस चित्र में दिए गए दिनांक और समय दूसरे बॉक्स में लिखने हैं यहाँ मात्र संकेत के लिए दिए हैं भ्रमित न हों।

        ü दूसरा बॉक्स -विषय वस्तु (दिनांक व समय सहित )

  •        दिनांक
  •        समय
  •        पद का उल्लेख करके औपचारिक पत्र के समान आरंभ किया जा सकता है

-----xxx----

    बच्चो ! इसतरह आज हमने ई-मेल के माध्यम से सीखा हम आज इस परिवर्तन के दौर में कितने ही भेष क्यों न बदल लें, पर हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहिए। इसलिए मनोज जैन मधुर लिखते हैं कि-

न जड़ता ओड़ ले इतनी कि फिर से मुड़ नहीं पाएँ

न टूटें हम जड़ों से यूँ कि फिर से जुड़ नहीं पाएँ 



शुक्रवार, 28 मार्च 2025

पत्र; अनौपचारिक पत्र (INFORMAL LETTER)

 प्रिय विद्यार्थियो !

आशा करता हूँ कि आप सभी सकुशल होंगे। औपचारिक पत्र के बाद आज हम अनौपचारिक पत्र के बारे में जानेंगे। यह अनौपचारिक पत्र जब हम घर से और अपनों से दूर होते हैं तब लिखा जाता है। इस पत्र को लिखने के लिए औपचारिक पत्र की तरह  कोई विशेष भाषायी बंधन नहीं है। आप अपने मन के भाव जैसे अपनों को समझ आते हैं वैसे लिख सकते हैं। तदपि हम जो भी लिखेंगे वह किसी न किसी प्रारूप में ही लिखेंगे। अतः परीक्षा के दृष्टिकोण से यह प्रारूप आपको स्मरण रखना अनिवार्य है। हाँ! यदि परीक्षा की बाध्यता नहीं है तो आप अपने मन-मुताबिक जैसे चाहे वैसे अनौपचारिक पत्र को कागज़ के पन्नों पर लिख सकते हैं। आज हम परीक्षा की दृष्टिकोण से अनौपचारिक पत्र के प्रारूप को और अंक योजना को समझेंगे। अनौपचारिक पत्र की अंक योजना ठीक औपचारिक पत्र जैसी ही है।

·       आरंभ व अंत की औपचारिकताएँ -  1 अंक

·       विषयवस्तु-                                       3 अंक

·       भाषा-                                               1 अंक

प्रारूप (संक्षिप्त रूप में)

(1) प्रेषक का पता - जहाँ बैठकर पत्र लिख रहे हैं उस जगह का पता यथा- इलाका, शहर आदि।

(2) दिनांक - जिस दिन पत्र लिख रहे हैं उस दिन की दिनांक लिखनी चाहिए।

(3) सम्बोधन - प्रापक से आपका जो भी रिश्ता है तत्संबंधी सम्बोधन लिखना चाहिए।

(4) अभिवादन - प्रापक से आपका जो भी रिश्ता है तत्संबंधी अभिवादन लिखना चाहिए।

(5) मूल विषय इसे तीन अनुच्छेदों में लिखना चाहिए-

  • पहला अनुच्छेद अपने कुशल क्षेम की जानकारी देते हुए बात आरंभ करना चाहिएफिर परिवार या मित्र की कुशल क्षेम पूछना चाहिए।
  • द्वितीय अनुच्छेद जिस प्रयोजन से आप पत्र लिख रहे हैंवह प्रयोजनपरक बात लिखना चाहिए।
  • तृतीय अनुच्छेद - अंत में छोटों को प्यार देते हुएबड़ों से आशीर्वाद लेते हुए बात सम्पन्न करनी चाहिए।

(6) अंत में अपना परिचय - प्रापक से आपका जो भी रिश्ता है तत्संबंधी अपना परिचय देना चाहिए।

नोट- बोर्ड परीक्षाओं में यदि नाम व पता आदि का उल्लेख न हो तो हम उसके स्थान पर अ ब स या च छ ज आदि वर्णों का प्रयोग करते हैं।

उदाहरण के तौर पर...

परीक्षा भवन

अ ब स स्कूल

क ख ग नगर

दिनांक- ...../....../...........

सम्माननीय/प्रिय...

प्रणाम/नमस्कार...  

प्रथम अनुच्छेद

आशा करता हूँ आप वहाँ कुशलतापूर्वक होंगे। मैं भी यहाँ कुशलतापूर्वक हूँ... (सामान्य औपचारिकताएँ)

द्वितीय अनुच्छेद

मैं आपको हर्ष/विषाद  के साथ बताना चाहता हूँ कि... (विषयवस्तु विस्तार…………………………..)

(यहाँ लगभग 60 शब्दों में अपने विषय का उल्लेख अपेक्षित)

तृतीय अनुच्छेद

आप सभी अपना ध्यान रखना...आदि कुछ औपचारिक बातें...

आपका

अ ब स

बच्चो ! आप इस प्रारूप को आप एक गीत के रूप में भी याद रख सकते हैं, गीत के बोल इसप्रकार है-

सबसे पहले पता लिखेंगे

फिर तिथि बतलाएँगे

फिर सम्बोधन

फिर अभिवादन

मूल विषय पाएँगे

अंत में अपना परिचय देंगे और नाम बतलाएँगे

इस रीति से अनौपचारिक पत्रों को लिख पाएँगे...।

गीत का वीडियो

 


आशा करते हैं कि आपको औपचारिक और अनौपचारिक पत्रों के दोनों आलेख अच्छे लगे होंगे। अपने मन के भावों को कमेंट बॉक्स में हमारे साथ साझा अवश्य करें।


गुरुवार, 27 मार्च 2025

पत्र; औपचारिक पत्र (FORMAL LETTER)

 प्रिय विद्यार्थियो !

            आशा करता हूँ कि आप सभी सकुशल होंगे। आज हम रचनात्मक लेखन में प्रचलित एक प्राचीन विधा पर चर्चा करेंगे। जिसका नाम है, पत्र लेखन। इस विधा का भूतकाल में बहुत प्रचलन था। जो अब मोबाइल फोन आने के बाद लगभग नहीं रहा। परंतु इसका अस्तित्व आज भी बरकरार है। हाँ! यह संदेश वहन करने में मोबाइल जैसा द्रुतगामी तो न था पर पत्र का इंतज़ार और उस इंतज़ार के बाद पत्र प्राप्ति का जो आनंद था वह अनुभव योग्य ही था।

यह अपने स्वरूप के आधार पर दो भागों में विभक्त कर दिया जाता है-

1. औपचारिक

2. अनौपचारिक

इनमें से औपचारिक पत्र कक्षा दसवीं के पाठ्यक्रम में शामिल है। कोर्स-ए में तो औपचारिक पत्र के साथ अनौपचारिक पत्र वैकल्पिक प्रश्न के तौर पर उपस्थित रहता है। परंतु कोर्स-बी में यह अनिवार्य रूप से करना ही पड़ता है। इसलिए आज हम औपचारिक पत्र पर विशेष चर्चा करेंगे। यह परीक्षा में 5 अंक का स्थान लिए हुए है और इसकी अंक योजना इसप्रकार है-

·       प्रारूप (प्रारंभ व अंत की औपचारिकताएँ) -   1 अंक

·       विषयवस्तु-                                                     3 अंक

·       भाषा-                                                             1 अंक

प्रारूप (संक्षिप्त रूप में)

(1) प्रेषक का पता- जहाँ बैठकर पत्र लिख रहे हैं उस जगह का पता यथा- इलाका, शहर आदि।

(2) दिनांक- जिस दिन पत्र लिख रहे हैं उस दिन की दिनांक लिखनी चाहिए।

(3) ‘सेवा में’ लिख कर, पत्र प्राप्त करने वाले का पदनाम, विभाग तथा पता लिखना चाहिए।

(4) विषय- जिसके बारे में पत्र लिखा जा रहा है, उसे केवल एक ही वाक्य में शब्द-संकेतों में लिखना चाहिए।

(5) संबोधन- जिसे पत्र लिखा जा रहा है- महोदय/होदया, माननीय आदि शिष्टाचारपूर्ण शब्दों का प्रयोग करें।

(6) विषयवस्तु- इसे तीन अनुच्छेदों में लिखना चाहिए-

पहला अनुच्छेद - “सविनय निवेदन यह है कि” से वाक्य आरंभ करना चाहिए, फिर अपने बारे में संक्षिप्त जानकारी देनी चाहिए।

द्वितीय अनुच्छेद- जिस अर्थ आप पत्र लिख रहे हैं, अपनी उस समस्या के बारे में लिखना चाहिए।

तृतीय अनुच्छेद- “आपसे विनम्र निवेदन है कि” लिख कर आप उनसे क्या अपेक्षा (उम्मीद) रखते हैं, उसे लिखना चाहिए।

(7) हस्ताक्षर व नाम- धन्यवाद या कष्ट के लिए क्षमा जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए और अंत में भवदीय, भवदीया, प्रार्थी लिखकर अपने हस्ताक्षर करें तथा उसके नीचे अपना नाम लिखें।

नोट- बोर्ड परीक्षाओं में यदि नाम व पता आदि का उल्लेख न हो, तो हम उसके स्थान पर (अ ब स) या (च छ ज) आदि वर्णों का प्रयोग करते हैं।

प्रारूप (विस्तारित रूप में)

परीक्षा भवन

अ ब स विद्यालय

क ख ग नगर

(यदि परीक्षा पत्र में कोई अन्य पता निर्देशित किया गया है तो स्वयं का पता निर्देश अनुसार लिखे, अन्यथा परीक्षा में यह औपचारिक पत्र हम प्रायः परीक्षा भवन में बैठकर ही लिखते हैं अतः स्वयं का पता इसीप्रकार लिखें, जैसा ऊपर लिखा गया है।)

दिनांक- ...../....../...........

सेवा में

श्रीमान......................

...............................

...............................

प्राप्तकर्ता का पद विभाग/कार्यालय व नगर सहित (जी का प्रयोग करने से आदर का भाव समाहित हो जाता है, जैसे- ज़िलाधिकारी जी, प्राचार्या जी आदि)

विषय : ...............................................

महोदय ,

प्रथम अनुच्छेद

सविनय निवेदन इस प्रकार है कि मैं आपके क्षेत्र का एक जागरूक निवासी हूँ तथा आपका ध्यान (संबंधित समस्या का उल्लेख करें, जैसे-जलापूर्ति/बिजली संकट/ बढ़ती कालाबाज़ारी आदि) की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ)

द्वितीय अनुच्छेद

आपके संज्ञान में लाना चाहता हूँ कि (विषयवस्तु विस्तार…………………………..)

(यहाँ लगभग 60 शब्दों में जन-जीवन/ विषय से जुड़ी दो-तीन समस्याओं/ बातों का उल्लेख अपेक्षित)

तृतीय अनुच्छेद

अत: आपसे अनुरोध है कि कृपया समुचित कार्यवाही करते हुए हम क्षेत्रवासियों को इस समस्या से छुटकारा दिलवाने का कष्ट करें। इस कार्य के लिए हम आपके अत्यंत आभारी रहेंगे।

सधन्यवाद

भवदीय

अ ब स

    बच्चो ! विज्ञान और तकनीक की इस दुनिया में जब आपके हाथ में मोबाइल होगा तब इन पत्रों को भूल मत जाना क्योंकि यह आज भी अनेक भावनाओं को लिए उन तमाम जगहों पर जाने के लिए तैयार हैं, जहाँ अभी तक संचार के आधुनिकतम साधन नहीं पहुँचे हैं। आपने वो गीत तो सुना ही होगा...

संदेशे आते हैं....

बुधवार, 26 मार्च 2025

अनुच्छेद लेखन (PARAGRAPH WRITING)

प्रिय विद्यार्थियो !

            आशा करता हूँ कि आप सभी सकुशल होंगे। आज हम रचनात्मक लेखन के एक ऐसे विषय पर चर्चा करने जा रहे है जो बहुत ही सामान्य (Common) है। यह विधा आपको गद्य साहित्य की प्रत्येक विधा में दृष्टिगत होती है। जी हाँ!! आप सही समझ रहे हैं आज का विषय है अनुच्छे लेखन।

            इसलिए आप गद्य साहित्य में कहानी पढ़िये, निबंध पढ़िये, उपन्यास पढ़िये, संस्मरण पढ़िये या कुछ भी पढ़िये आपको सबमें यह अनुच्छेद देखने मिल ही जाएँगे। आप इसे ऐसा भी कह सकते हो कि किसी भी गद्य विधा के सृजन के लिए यदि कोई महत्वपूर्ण तत्त्व है, तो वह अनुच्छेद ही है।

    कक्षा दसवीं के पाठ्यक्रम में कोर्स-ए और कोर्स-बी दोनों परीक्षाओं में अनुच्छेद लेखन पूछा जाता है। आगे उनकी अंक योजना क्रमशः दी जा रही है।

    हिन्दी कोर्स-ए (कुल अंक – 6)

    · भूमिका-            1 अंक

    · विषयवस्तु-        3 अंक

    · भाषा शुद्धता-   1 अंक

    · निष्कर्ष-             1 अंक

    हिन्दी कोर्स-बी (कुल अंक – 5)

    · भूमिका-             1 अंक

    · विषयवस्तु-        3 अंक

    · भाषा शुद्धता -  1 अंक

   अब यह अनुच्छेद लिखते समय हम सभी को कुछ बातों की जानकारी होनी चाहिए जो इसप्रकार है-

    सर्वप्रथम यह ध्यान रखें कि अनुच्छेद का अर्थ क्या होता है?

    ·  अनुच्छेद अर्थात् एक परिच्छेद, एक पैराग्राफ।   

    ·  यदि एक से अधिक अर्थात् दो या तीन पैराग्राफ हो जाएँ तो वह लेखन कार्य अनुच्छेद लेखन की श्रेणी से बाहर हो जाता है।

    · अतः एक ऐसा विचार बिन्दु, जो वाक्य समूहों से मिलकर एक पैराग्राफ में पूरा हो जाए, वही अनुच्छेद लेखन कहलाता है।

    अनुच्छेद लिखने से पूर्व इन मूलभूत बातों को न भूलें-

·  सर्वप्रथम शीर्षक को बीचोंबीच लिखें।

·  अपने ज्ञान को विस्तार दें क्योंकि विषय की जानकारी के अभाव में कुछ भी लिख पाना संभव नहीं।

·  अपना शब्दकोश बढ़ाएँ क्योंकि उचित व प्रभावी शब्दों के अभाव में हमारी प्रस्तुति हल्की रह जाती है।

· विषय प्रस्तुतीकरण दिये गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर करें। यदि दिये गए संकेत बिन्दुओं के अतिरिक्त अपने मन से भी विषय प्रस्तुत कर रहे हैं तो वह एकदम सही और सटीक हो।

·  अब दिये गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर जितने भी विचार आपके मन में आ रहे हैं, आप उन्हें एक रफ़ पेपर पर लिख लें।

·  तत्पश्चात् उन विचारों को व्यवस्थित करें।

·  अब उन विचारों को एक ही पैराग्राफ में आदिमध्यांतता के साथ लिखें।

·  अनुच्छेद की भाषा सरल हो, वाक्य छोटे हों, वाक्य तथा बातें आपस में एक-दूसरे से जुड़ी हुयी हों।

·  अनुच्छेद में एक या दो तार्किक बिन्दु और कम से कम एक जीवन से जुड़ता हुआ निष्कर्ष अवश्य होना चाहिए।

            सुझाव – एक अच्छा और बेहतरीन अनुच्छेद लिखने के लिए आपको प्रतिदिन किसी भी विषय में पाँच वाक्यों से निर्मित एक पैराग्राफ लिखने का अभ्यास अवश्य करना चाहिए, क्योंकि कवि वृंद ने अपनी वृंद सतसई में लिखा है कि- 

करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान।

रसरी आवत-जात के सिल पर परत निशान॥

मंगलवार, 25 मार्च 2025

नया सफर (INTRODUCTORY MASSAGE)

सादर नमस्कार !! 

    आप सभी का 'हिंदी पाठशाला' ब्लॉग पर हार्दिक स्वागत हैयह ब्लॉग हिंदी भाषा और साहित्य को समर्पित हैजहाँ आप सीखने और समझने का एक अनोखा अनुभव प्राप्त करेंगे। 

    हमारा उद्देश्य है कि हिंदी को सरलरोचक और जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाए। यहाँ आपको व्याकरणलेखनसाहित्यकविता और हिंदी से जुड़ी रोचक जानकारियाँ प्राप्त होंगी। 

    विशेष रूप से यह ब्लॉग कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के लिए बहुत लाभदायक होने वाला है क्योंकि यहाँ आपको कक्षा दसवीं का पूरा पाठ्यक्रम, उसके नोट्स, पुराने परीक्षा-पत्र आदि अनेक बातें उपलब्ध होती रहेंगी

    तो आइए, हमारे साथ हिंदी की इस अनोखी यात्रा पर चलें और इस खूबसूरत भाषा से और गहराई से जुड़ें। 

धन्यवाद!" 😊

सादर

साकेत जैन शास्त्री