शुक्रवार, 28 मार्च 2025

पत्र; अनौपचारिक पत्र (INFORMAL LETTER)

 प्रिय विद्यार्थियो !

आशा करता हूँ कि आप सभी सकुशल होंगे। औपचारिक पत्र के बाद आज हम अनौपचारिक पत्र के बारे में जानेंगे। यह अनौपचारिक पत्र जब हम घर से और अपनों से दूर होते हैं तब लिखा जाता है। इस पत्र को लिखने के लिए औपचारिक पत्र की तरह  कोई विशेष भाषायी बंधन नहीं है। आप अपने मन के भाव जैसे अपनों को समझ आते हैं वैसे लिख सकते हैं। तदपि हम जो भी लिखेंगे वह किसी न किसी प्रारूप में ही लिखेंगे। अतः परीक्षा के दृष्टिकोण से यह प्रारूप आपको स्मरण रखना अनिवार्य है। हाँ! यदि परीक्षा की बाध्यता नहीं है तो आप अपने मन-मुताबिक जैसे चाहे वैसे अनौपचारिक पत्र को कागज़ के पन्नों पर लिख सकते हैं। आज हम परीक्षा की दृष्टिकोण से अनौपचारिक पत्र के प्रारूप को और अंक योजना को समझेंगे। अनौपचारिक पत्र की अंक योजना ठीक औपचारिक पत्र जैसी ही है।

·       आरंभ व अंत की औपचारिकताएँ -  1 अंक

·       विषयवस्तु-                                       3 अंक

·       भाषा-                                               1 अंक

प्रारूप (संक्षिप्त रूप में)

(1) प्रेषक का पता - जहाँ बैठकर पत्र लिख रहे हैं उस जगह का पता यथा- इलाका, शहर आदि।

(2) दिनांक - जिस दिन पत्र लिख रहे हैं उस दिन की दिनांक लिखनी चाहिए।

(3) सम्बोधन - प्रापक से आपका जो भी रिश्ता है तत्संबंधी सम्बोधन लिखना चाहिए।

(4) अभिवादन - प्रापक से आपका जो भी रिश्ता है तत्संबंधी अभिवादन लिखना चाहिए।

(5) मूल विषय इसे तीन अनुच्छेदों में लिखना चाहिए-

  • पहला अनुच्छेद अपने कुशल क्षेम की जानकारी देते हुए बात आरंभ करना चाहिएफिर परिवार या मित्र की कुशल क्षेम पूछना चाहिए।
  • द्वितीय अनुच्छेद जिस प्रयोजन से आप पत्र लिख रहे हैंवह प्रयोजनपरक बात लिखना चाहिए।
  • तृतीय अनुच्छेद - अंत में छोटों को प्यार देते हुएबड़ों से आशीर्वाद लेते हुए बात सम्पन्न करनी चाहिए।

(6) अंत में अपना परिचय - प्रापक से आपका जो भी रिश्ता है तत्संबंधी अपना परिचय देना चाहिए।

नोट- बोर्ड परीक्षाओं में यदि नाम व पता आदि का उल्लेख न हो तो हम उसके स्थान पर अ ब स या च छ ज आदि वर्णों का प्रयोग करते हैं।

उदाहरण के तौर पर...

परीक्षा भवन

अ ब स स्कूल

क ख ग नगर

दिनांक- ...../....../...........

सम्माननीय/प्रिय...

प्रणाम/नमस्कार...  

प्रथम अनुच्छेद

आशा करता हूँ आप वहाँ कुशलतापूर्वक होंगे। मैं भी यहाँ कुशलतापूर्वक हूँ... (सामान्य औपचारिकताएँ)

द्वितीय अनुच्छेद

मैं आपको हर्ष/विषाद  के साथ बताना चाहता हूँ कि... (विषयवस्तु विस्तार…………………………..)

(यहाँ लगभग 60 शब्दों में अपने विषय का उल्लेख अपेक्षित)

तृतीय अनुच्छेद

आप सभी अपना ध्यान रखना...आदि कुछ औपचारिक बातें...

आपका

अ ब स

बच्चो ! आप इस प्रारूप को आप एक गीत के रूप में भी याद रख सकते हैं, गीत के बोल इसप्रकार है-

सबसे पहले पता लिखेंगे

फिर तिथि बतलाएँगे

फिर सम्बोधन

फिर अभिवादन

मूल विषय पाएँगे

अंत में अपना परिचय देंगे और नाम बतलाएँगे

इस रीति से अनौपचारिक पत्रों को लिख पाएँगे...।

गीत का वीडियो

 


आशा करते हैं कि आपको औपचारिक और अनौपचारिक पत्रों के दोनों आलेख अच्छे लगे होंगे। अपने मन के भावों को कमेंट बॉक्स में हमारे साथ साझा अवश्य करें।


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