प्यारे बच्चो!
समय गुज़रा, जमाने बदले, काम करने की शैलियाँ बदल गयीं, बातों का अंदाज़ बदला; पर जो नहीं बदला, वो थे हमारे भीतर के जज़्बात! इस बदलते दौर में संचार माध्यम को जिसने लोगों के लिए सरल बनाने की शुरुआत की वह ई-मेल था। यह पत्रों का ही इलेक्ट्रोनिक रूप था, पर इसके बाद पत्रों और कई हद तक ई-पत्रों यानि ई-मेल की जगह भले ही मोबाइल फोन के लिखित संदेशों ने और वाट्सएप ने क्यों न ले ली हो पर उनके अंदर की भावनाओं को कभी पूर्ण रूप से बादल नहीं सके। हाँ! लोगों का इंतज़ार कम हो गया, जिसकारण पत्रों जैसी उत्सुकता न रही, पर संदेश कैसा भी हो किसी भी माध्यम का हो पर वह सर्वथा रूप से भावना शून्य तो नहीं हुए।
आज हम पत्रों के इसी इलेक्ट्रोनिक रूप यानि ई-मेल (ई-पत्रों) की बात करेंगे।
कम्प्यूटर के थोड़े बहुत प्ररूपों को हटा दें तो यह ई-मेल हूबहू पत्र जैसा ही होता
है। इसलिए परीक्षा में इसकी अंक योजना भी पत्र जैसी ही होती है जो इसप्रकार है
- प्रारूप - 1 अंक
- विषयवस्तु – 3 अंक
- भाषा – 1 अंक
यह ई-मेल हम या तो मोबाइल के ज़रिए भेज पाते हैं या लैपटॉप के ज़रिए... दोनों जगहों
पर प्रारूप में मामूली सा अंतर है जो हम कुछ चित्रों के माध्यम से समझेंगे।
मोबाइल के ज़रिए जब हम ई-मेल भेजते हैं तब प्रारूप कुछ ऐसा बनाना चाहिए-
ü ई-मेल लेखन का अभ्यास बॉक्स बनाकर करना है।
प्रारंभिक औपचारिकताएँ
ü पहला बॉक्स (पाँच कॉलम वाला) ई-मेल पता/ पते व विषय
- पहला कॉलम- प्रेषक का ईमेल पता abc@gmail.com (अनिवार्य)
- दूसरा कॉलम- प्राप्तकर्ता का ईमेल पता xyz@gmail.com (अनिवार्य)
- तीसरा कॉलम- प्रतिलिपि (सी सी) pqrs@gmail.com (वैकल्पिक)
- चौथा कॉलम- गुप्त/ गोपनीय प्रतिलिपि (बीसीसी) uvw@gmail.com (वैकल्पिक)
- पाँचवा कॉलम- विषय... (अनिवार्य)
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चित्र क्र. 1 मोबाइल प्रारूप 1_ध्यान दें इस चित्र में दिए गए दिनांक और समय
दूसरे बॉक्स में लिखने हैं यहाँ मात्र संकेत के लिए दिए हैं भ्रमित न हों। |
यदि cc/bcc नहीं भेज रहे हैं तो बॉक्स तीन कॉलम वाला ही बनाएँ और cc/bcc प्रापक वाले कॉलम में ही राइट साइड में लिखें
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चित्र क्र. 2 मोबाइल प्रारूप 2_ध्यान दें इस चित्र में दिए गए दिनांक और समय
दूसरे बॉक्स में लिखने हैं यहाँ मात्र संकेत के लिए दिए हैं भ्रमित न हों। |
ü दूसरा बॉक्स -विषय वस्तु (दिनांक व समय सहित )
- दिनांक
- समय
- पद का उल्लेख करके औपचारिक पत्र के समान आरंभ किया जा सकता है।
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लैपटॉप के ज़रिए जब हम ई-मेल भेजते हैं तब प्रारूप कुछ ऐसा बनाना चाहिए-
ü ई-मेल लेखन का अभ्यास बॉक्स बनाकर करना है
प्रारंभिक औपचारिकताएँ
ü पहला बॉक्स (तीन कॉलम वाला) ई-मेल पता/ पते व विषय
- पहला कॉलम- प्राप्तकर्ता का ईमेल पता xyz@gmail.com (अनिवार्य)
- दूसरा कॉलम- प्रतिलिपि (सी सी) pqrs@gmail.com (वैकल्पिक)
- तीसरा कॉलम- गुप्त/ गोपनीय प्रतिलिपि (बीसीसी) uvw@gmail.com (वैकल्पिक)
- चौथा कॉलम- विषय... (अनिवार्य)
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चित्र क्र. 3 लैपटॉप प्रारूप 1_ध्यान दें इस चित्र में दिए गए दिनांक और समय
दूसरे बॉक्स में लिखने हैं यहाँ मात्र संकेत के लिए दिए हैं भ्रमित न हों। |
यदि cc/bcc नहीं भेज रहे हैं तो बॉक्स दो कॉलम वाला ही बनाएँ और cc/bcc प्रापक वाले कॉलम में ही राइट साइड में लिखें।
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चित्र क्र. 4 लैपटॉप प्रारूप 2_ध्यान दें इस चित्र में दिए गए दिनांक और समय
दूसरे बॉक्स में लिखने हैं यहाँ मात्र संकेत के लिए दिए हैं भ्रमित न हों। |
ü दूसरा बॉक्स -विषय वस्तु (दिनांक व समय सहित )
- दिनांक
- समय
- पद का उल्लेख करके औपचारिक पत्र के समान आरंभ किया जा सकता है।
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बच्चो ! इसतरह आज हमने ई-मेल के माध्यम से सीखा हम आज इस परिवर्तन के दौर में कितने
ही भेष क्यों न बदल लें, पर हमें
अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहिए। इसलिए मनोज जैन मधुर लिखते हैं कि-
न जड़ता ओड़ ले इतनी कि फिर से मुड़ नहीं पाएँ
न टूटें हम जड़ों से यूँ कि फिर से जुड़ नहीं पाएँ
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